मिल्की वे (Milky Way ) गैलेक्सी के केंद्र का अवलोकन कर खगोलविदों ने नई और सटीक जानकारी हासिल की है.

गैलेक्सी के पास स्थित सुपरमासिव ब्लैक होल (Supermassive Black Hole) सैजिटेरिय ए (Sagittarius A*) और पास के चार तारों की स्थिति और गतिविधियों का अब तक का सबसे सटीक मापन किया है. जिससे पता चला है कि गैसेक्सी के 99.9 भार उसके केंद्र में स्थित है यानि केंद्र के रहस्य को और गहरा रहा है.

हमारे गैलेक्सी मिल्की वे (Milky) के केंद्र में  स्थित ब्लैक होल सैजिटेरियस की पुष्टि को बहुत ज्यादा समय नहीं हुआ है. नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इस सुपरमासिव ब्लैक होल और उसके आसपास के चार तारों, S2, S29, S38 और S55 की स्थिति और गतिविधियों की अब तक का सबसे सटीक मापन किया है. इसके साथ ही उन्हें इसअध्ययन से यह भी पता चला है कि मिल्की वे के केंद्र का भार केवल इस ब्लैक होल की वजह से ही है और इससे कुछ और के लिए कोई गुंजाइश भी नहीं है, लेकिन इससे सैजिटेरियस ए* का रहस्य जरूर गहराता जा रहा है.

किन उपकरणों का किया गया था उपोयग
शोधकर्ताओं ने ब्लैक होल और उसके आसपास के तारों की गतिविधियों और स्थिति को जानने के  लिए हवाई ल्खिक मॉनाकेया की चोटी के पास जैमिनी नॉर्थ स्थित जैमिनी नियर इन्फ्रारेड स्पैक्ट्रोग्राफ (GNIRS) से स्पैक्ट्रोस्कोपी का उपयोग किया. यह एनएसएफ की NIORLab और यूरोपीय दक्षिणी वेधशाला के वेरी लार्ज टेलीस्कोप के SINFONI उपकरण के इंटरनेशनल जैमनी वेधशाला कार्यक्रम का हिस्सा है. वहीं तारों की स्थिति को मापने के लिए VLTI के ग्रैविटी उपकरण का उपयोग किया गया था.

27 हजार प्रकाश वर्ष दूर
मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एक्स्ट्रा टेरेस्ट्रियल फिजिक्स के निदेशक और 2020 में भौतिकी में नेबल पुरस्कार के साझेदार रेइनहार्ड गेनजेल ने बताया कि यह शोध दुनिया भर में हुआ अब तक का सर्वश्रेष्ठ सहयोग है. इस अध्ययन से 27 हजार प्रकाश वर्ष दूर मिल्की वे की केंद्र में स्थित  ब्लैक होल सैजिटैरियर ए* के रेडियो संकोतों का अध्ययन किया गया.

गैलेक्सी का अधिकांश भार
खगोलविदों ने इसकी पहचान एक सूर्य से 43 लाख गुना भार वाले सुपरमासिव  ब्लैक होल के रूप में की है. दशकों के अवलोकन और इस ब्लैक होल की पहचान को नोबेल पुरस्कार मिलने के बाद भी यह सिद्ध करना बहुत मुश्किल था कि गैलेक्सी का अधिकांश भार केवल ब्लैक होल का ही है जिसमें  तारे, छोटे ब्लैक होल , अंतरतारकीय धूल और गैस या डार्क मैटर शामिल नहीं है.

नई पड़ताल का इरादा
सैजिटेरियस ए* की पुष्टि के लिए साल 2020 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया था. इसके बाद खगोलविद और ज्यादा पड़ताल करना चाह रहे थे. वे जानना चाह रहे थे किया मिल्की वे के केंद्र में कुछ और भी छिपा है या नहीं. इसके साथ वे यह भी जानना चाहते थे कि क्या सापेक्षता का सिद्धांत इस पर भी सटीकता से लागू होती है या नहीं.

पास के तारों की कक्षा
इसके लिए सबसे आसान और सीथा तरीका इस ब्लैक होल के आसपास के तारों की कक्षा का अवलोकन था. आइंस्टीन का सापेक्षता का सिद्धांत कहता है कि अतिभारी संकुचित पिंड के चारो ओर चक्कर लगाने वाले तारों की कक्षा न्यूटन वाली शास्त्रीय भौतिकी के द्वारा बताई गई कक्षा से काफी अलग होती है. इसके मुताबिक यह कक्षा एक बढ़ी हुई थाली के आकार होती है जिसे शअवर्ज्सचाइल्ड प्रेसेशन नाम का प्रभाव कहते हैं.

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भार का वितरण
टीम सैजीटेरियस के पास के चार तारों की कक्षा की स्थिति और तारों की गति की गणना की. इससे शोधकर्ता ब्लैक होल के अंदर के भार का वितरण का आंकलन तक लगा सके. उन्होंने पाया कि S2 तारे के लंबित भार का ब्लैक होल के 0.1 प्रतिशत भार के बराबर का योगदान है. इतनी नहीं इससे वे यह तक पता लगा सके कि ब्लैक होल में गैलेक्सी का 99.9 प्रतिशत भार समाया हुआ है

ब्लैक होल के पास के तारों की कक्षा कि महीन विविधताएं नापना बहुत मुश्किल और चुनौती भरा काम है. इसके लिए खगोलविदों को बेहतर उपकरण और तकनीक दोनों की जरूरत है. आने वैले जायंट मैगेलेन टेलीस्कोप और थर्टीमीटर टेलीस्कोप जैसे अतिविशाल टेलीस्कोप से वैज्ञानिकों को और भी तारों की कक्षा का सटीक मापन करने का मौका मिल सकेगा. और उनसे और गहरी जानकारी मिल सकेगी.

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