RIL Mango: दुनिया भर में धूम मचा रहा है ‘अंबानी का आम’, जानिए कितना बड़ा है रिलायंस का फलों का कारोबार

देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के मुखिया मुुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) का कारोबार जमीन के भीतर से लेकर आकाश तक फैला है। अपनी कारोबारी योग्यता के बल पर वे भारत और एशिया के दूसरे सबसे बड़े रईस हैं। अंबानी के प्रमुख कारोबार में पेट्रोलियम, टेलिकॉम और रिटेल प्रमुख हैं। लेकिन देश में कम ही लोगों को अंबानी के आम के कारोबार की जानकारी है। मुकेश अंबानी के गुजरात में 600 एकड़ में फैले आम के बड़े बगीचे हैं, जिनके दम पर रिलायंस देश में आम की सबसे बड़ी निर्यातक कंपनी बन गई है। 

जामनगर में 600 एकड़ में बागान 

मुकेश अंबानी ने कारोबारी सूझबूझ के साथ एक दशक पहले ही आम के एक्सपोर्ट में मुनाफे की सुगंध का पहचान लिया था। रिलायंस ने बीते दो दशक पहले ही आम के बड़े बागान लगाने शुरू किए थे। आज जामनगर में रिलायंस के आमों के बगीचे (Mango Farm) 600 एकड़ में फैले हैं। इस बाग में 200 से अधिक देशी विदेशी वैरायटी के डेढ़ लाख से अधिक पेड़ हैं। बाग का नाम धीरूभाई अंबानी लखीबाग आमराई है। इस बागान की कमान मुकेश की पत्नी नीता अंबानी के हाथ है। 

 

यहां पैदा होती हैं आम की ये वैरायटी 

धीरूभाई अंबानी लखीबाग आमराई में आम की 200 से अधिक वैरायटी हैं, इसमें केसर, अल्फोंसो, रत्ना, सिंधु, नीलम और आम्रपाली जैसी देसी किस्मों के अलावा विदेशी किस्म के आम के पेड़ भी हैं। इनमें अमेरिका में फ्लोरिडा की टॉमी एटकिन्स, केंट और इजरायल की लिली, केइट और माया प्रमुख हैं। रिलायंस की कंपनी जामनगर फार्म यहां के फलों की मार्केटिंग करती है। कंपनी के आम का एक खास ब्रांड है जिसे आरआईएल मैंगो (RIL Mango) के नाम से जाना जाता है। 

प्रदूषण रोकने की कोशिश से मुनाफा 

कोई कारोबारी नुकसान में फायदा कैसे ढूंढता है, यह रिलायंस से बेहतर कोई नहीं जान सकता। जामनगर में ही रिलायंस की दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरीज है, जहां से कंपनी रिफाइंड किया तेल दूसरे देशों को निर्यात करता है। तेल का उत्पादन भारी मात्रा में प्रदूषण का भी कारण है। ऐसे में कंपनी को प्रदूषण विभाग से नोटिस मिलते थे। इसी का तोड़ निकालते हुए यहां रिलायंस ने आम की बागानी कृषि शुरू की जो उसके लिए पीले सोने की तरह है। 

खारे पानी में भी आम उगाकर पाई सफलता

गुजरात कभी भी आम की पैदावार के लिए प्रसिद्ध नहीं रहा है। यहां की बंजर जमीन, खारे पानी और तेज हवाओं के चलते पहले कभी भी आम की पैदावार के लिए बड़े पैमाने पर कोशिश नहीं हुई थी। लेकिन तकनीक की मदद से रिलायंस ने इसे आम के लिए सबसे मुफीद जगह बना दिया है। पानी में नमक हटाने के लिए कंपनी ने यहां डिसैलिनेशन प्लांट लगाया, ​जहां समुद्र के पानी से नमक हटाया जाता है। वहीं वॉटर हार्वेस्टिंग और ड्रिप इरिगेशन की मदद से कम पानी में भी अधिक खेती की गई। 

आम के अलावा इन फलों की भी खेती 

इस बागान में 30 से ज्यादा वैरायटी के फल पैदा होते हैं। हालांकि आम यहां का सबसे प्रमुख फल है, लेकिन इसके अलावा अमरूद, इमली, काजू, ब्राजीलियन चेरी, चीकू, आड़ू, अनार और कुछ औषधीय पौधों की भी यहां पर बहुतायत में पैदाइश होती है। यहां हर हेक्टेयर में 10 मीट्रिक टन फल पैदा होते हैं, यह क्षमता ब्राजील और इजरायल से भी ज्यादा है।